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आज के दौर में, ऐसे Married Couples की संख्या काफी तेज़ी से बढ़ रही है, जिनकी अपनी कोई संतान नहीं है।
यह उनके लिए सबसे बड़ा दुख होता है, जिसे दूर करने के लिए वे सभी तरीके के तरीकों जैसे दवाई लेना, व्रत करना, बाबओं के पास जाना इत्यादि को अपनाते हैं।
लेकिन, जब उन्हें इन सभी तरीकों से कोई लाभ नहीं मिलता है, तब वे किसी बेहतर तरीके की तलाश में लग जाते हैं।
इस स्थिति में, उनके लिए IVF काफी मददगार साबित हो सकती है, लेकिन उनके इसके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं।
इसी कारण, हम सभी इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति संतान सुख से वंचित न रहे।
अगर आप भी आईवीएफ के बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए।
क्या है आईवीएफ? (Meaning of IVF in Hindi)
आईवीएफ का पूरा नाम इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन (in vitro fertilization) है, जिसमें पुरूष के शुक्राणु (Sperm) और महिला के अंडाणु (Egg) को Lab में मिलाकर उसे ऐसी महिला के गर्भाशय (Uterus) में डाला जाता है,जो मां बनना चाहती हैं।
IVF के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस वीडियो को देखें-
आईवीएफ को कराने की सलाह कब दी जाती है? (When IVF is suggested – in Hindi)
डॉक्टर किसी भी Married Couple को आईवीएफ को कराने की सलाह नहीं देते हैं।
आईवीएफ प्रक्रिया केवल उन्हीं लोगों के लिए कारगर है, जिन्हें ये 5 Health Problems होती हैं-
फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज का होना– आईवीएफ को मुख्य स्थिति में किया जाता है, जब किसी महिला की फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज हो जाता है।
पुरूष बांझपन (Male Infertility) का होना– अक्सर, Married couple के मां-बाप न बनने का कारण पुरूष बांझपन (male infertility) भी होता है।
इस स्थिति में भी आईवीएफ बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
पी.सी.ओ.एस (PCOS) से पीड़ित होना– अगर किसी महिला को पी.सी.ओ.एस (PCOS) की बीमारी है और अगर वह मां बनना चाहती है, तो वह इसके लिए आईवीएफ को अपना सकती है।
किसी जेनेटिक बीमारी का होना– किसी व्यक्ति के संंतान सुख से वंचित रहने का कारण जेनेटिक बीमारी भी होती है।
ऐसे लोगों को upset होने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे IVF से संतान सुख पा सकते हैं।
Infertility के सही कारण का पता न होना– कई मामले ऐसे भी सामने आते हैं, जिसमें Infertility के सही कारण का पता न चल पाता है।
इसी कारण, IVF को Infertility के कारण का पता लगाने के लिए भी किया जाता है।
आईवीएफ को कैसे किया जाता है? (IVF Procedure in Hindi)
आईवीएफ को Cycles में किया जाता है। Latest Studies के अनुसार कोई भी महिला 3 IVF Cycles के बाद Pregnant हो जाती है।
एक Cycle में कई सारे स्टेप शामिल होते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
स्टेप 1: Ovary को stimulate करना- IVF की शुरूआत ovary को stimulate करने के साथ होती है।
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ovary इस प्रक्रिया के लिए तैयार हो सके।
स्टेप 2: Egg को reterival करना- ovary को stimulate करके egg को reterival किया जाता है।
वैज्ञानिक रूप से ऐसा माना जाता है कि किसी भी महिला के baby conceive करने के लिए पर्याप्त मात्रा में egg की जरूरत पड़ती है।
स्टेप 3: भ्रूण को बनाना- egg को reterival करने के बाद भ्रूण (embryo) को बनाया जाता है।
इसे egg और sperm को lab में मिलाकर बनाया जाता है
स्टेप 4: भ्रूण को ट्रांसफर कराना- lab में बनाए गए भ्रूण को बच्चे की चाह रखने वाली महिला के गर्भाशय (uterus) में ट्रांसफर किया जाता है।
स्टेप 5: Pregnancy Test कराना- भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर करने के कुछ समय के बाद महिला का Pregnancy test किया जाता है।
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि IVF प्रक्रिया सफल रही या नहीं।
आईवीएफ की कितनी क़ीमत है? (IVF Cost in Hindi)
जब किसी Married Couple को यह पता चलता है कि उन्हें IVF कराना है तो उनके मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि आईवीएफ की कितनी Cost है।
उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि क्योंकि इसका असर उनकी Financial situation पर पड़ता है।
ऐसे बहुत सारे मामले सामने आते हैं जिसमें लोग आईवीएफ की महंगे समझकर उसे नहीं कराते हैं।
ऐसे में उन्हें यह पता होना चाहिए कि उनके लिए आईवीएफ कराना काफी Affordable होता है, जिसे वे रूपये 1,50,000 से लेकर 3000,00 में रखा सकते हैं।
आईवीएफ के लाभ कौन-कौन से हैं? (IVF Benefits in Hindi)
अगर कोई व्यक्ति संतान सुख प्राप्त करना चाहता है तो उसे आईवीएफ को जरूर अपनानना चाहिए क्योंकि इसके ये 5 लाभ होते हैं-
बेहतर Success rate का होना– IVF का success rate काफी बेहतर होता है, जो महिला की उम्र पर निर्भर करता है।
ऐसा माना जाता है कि IVF कराने वाली महिला की उम्र जितनी कम होगी उसके Pregnant होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।
उदाहरण के लिए– 35 से कम उम्र की महिला में IVF के सफल होने की संभावना 53.9 %होती है, वहीं 35 से 40 उम्र की महिलाओं में IVF का success rate 26 से 40.2% होता है।
हर तरह के लोगों के लिए उपयोगी साबित होना– IVF का लाभ केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका लाभ सेरोगेट मदर, समलैंगिक Couples, single women इत्यादि लोग भी उठा सकते हैं।
Donated egg/sperm का इस्तेमाल करना- कई सारे मामलों में, डॉक्टर कुछ लोगों को donated egg/sperm का इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं।
इस तरह से, आईवीएफ में clinic में fertilized एग और स्पर्म का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
स्वस्थ शिशु की संभावना को बढ़ाना- जेनेटिक स्क्रीनिंग काफी महत्वपूर्ण टेस्ट है, जो इस बात को सुनिश्चित करता है कि होने वाला बच्चा पूरी तरह से Healthy है।
आईवीएफ के दौरान इस टेस्ट का लाभ उठाया जा सकता है।
गर्भपात की संभावना को कम करना– वर्तमान समय में, बहुत सारी महिलाओं को गर्भपात (miscarriage) का सामना करना पड़ता है।
लेकिन, IVF से इसकी संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
आईवीएफ के साइड इफेक्ट्स कौन-कौन से हैं? (IVF Side-effects in Hindi)
यकनीन रूप से आईवीएफ का लाभ बहुत सारे लोगों को मिला है, लेकिन फिर भी इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स भी होते हैं, जिनकी जानकारी उन लोगों को होनी चाहिए जो आईवीएफ को कराने की योजना बना रहे हैं।
अगर किसी व्यक्ति ने आईवीएफ को कराया है, तो उसे निम्नलिखित साइड- इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है-
कब्ज का होना– कुछ महिलाओं को IVF कराने के बाद कब्ज की समस्या हो सकती है।
हालांकि, यह समस्या कुछ समय बाद अपने-आप ठीक हो जाती है, लेकिन फिर भी किसी महिला को लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
Pelvic pain का होना– IVF के बाद Pelvic pain भी हो सकता है, जिसे समय रहते control न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है।
Urine में blood का आना– आईवीएफ कराने वाली कुछ महिलाएं इसे कराने के बाद urine में blood आने की शिकायत भी करती हैं।
हालांकि, इसका इलाज दवाईयों के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन फिर भी अगर किसी महिला को यह समस्या महसूस हो तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।
पेट दर्द होना– आईवीएफ का अन्य साइड-इफेक्ट्स पेट दर्द होना भी है।
अगर यह दर्द कुछ समय में ठीक नहीं होता है, तो फिर doctor से संपर्क करना काफी जरूरी हो जाता है ताकि इससे कोई गंभीर समस्या न हो।
Mood swing होना– कई बार ऐसा भी देखा गया है कि आईवीएफ कराने के बाद महिलाओं में mood swing की समस्या हो जाती है।
इस समस्या का असर उस महिला के साथ-साथ उसके परिवार पर भी पड़ता है, जिसे लेकर वे काफी परेशान रहते हैं।
चूंकि, भारतीय समाज में लोग Medical science के प्रति कम जागरूक रहते हैं इसी कारण वे बच्चे न होने की समस्या का समाधान इसके द्वारा नहीं कराते हैं।
इसी सोच के कारण बहुत सारे लोंगों को मां-बाप बनने का सुख नहीं मिल पाता है और वे इसी दुख के सहारे अपनी ज़िदगी को बिता देते हैं।
लेकिन, अभी यह तस्वीर काफी हद तक बदल चुकी है और लोग Medical science की कई सारी तकनीकों जैसे आईवीएफ की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
इस प्रकार, हमें उम्मीद है कि यह लेख लोगों की आईवीएफ की जानकारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसकी सहायता से सभी लोगों को संतान सुख मिल पाएगा।
सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1.क्या मैं IVF के तुरंत बाद Travel कर सकती हूं?
Ans- वैसे तो इस बात का पता नहीं चला है कि travel आईवीएफ को प्रभावित करता है या नहीं, लेकिन फिर भी अगर IVF के तुरंत बाद आपको travel करने की जरूरत है, तो ऐसा अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करें
Q2.IVF के बाद कितना समय तक rest करना चाहिए?
Ans- IVF कराने के बाद sufficient rest (2 से 3 हफ्ते) लेना बहुत जरूरी है ताकि इसे कराने वाली महिला की Health खराब न हो।
Q3.क्या insurance IVF cost कवर करता है?
Ans- आमतौर पर, IVF और उससे जुड़े खर्चों को health insurance में कवर नहीं होते हैं।
ऐसे इन खर्चों को इसे कराने वाले लोगों को ही उठाना पड़ता है।
Q4.मेडिकल OPEX कार्ड से IVF कराया जा सकता है?
Ans- जी हां, मेडिकल OPEX कार्ड से IVF को आसानी से कराया जा सकता है। इसके अलावा मेडिकल OPEX कार्ड से किसी भी तरह की सर्जरी या ऑपरेशन के मेडिकल बिल को चुकाया जा सकता है।
Q5.क्या मेडिकल OPEX कार्ड का इस्तेमाल सभी अस्पतालों में किया जा सकता है?
Ans- जी हां, मेडिकल OPEX कार्ड भारत के +1800 अस्पतालों में valid है।
इसमें (आकाश हेल्थकेयर, द्वारका), (फोर्टिस, ओखला),( जे.पी अस्पताल, नोएडा) और (मैक्स अस्पताल, वैशाली) इत्यादि के नाम शामिल हैं।
Q6. IVF को कैसे किया जाता है?
Ans- IVF में पुरूष के स्पर्म और महिला के एग को लैब में मिलाकर उससे भ्रूण का निर्माण किया जाता है, जिसे बाद में उस महिला के गर्भ में डाला जाता है, जो मां बनना चाहती है।
Q7. IVF से गर्भवती होने की संभावना कितनी होती है?
Ans- IVF संतान सुख से वंचित महिलाओं या दंपत्तियों के लिए किसी वदरान से कम नहीं है क्योंकि यह उन्हें संतान प्रदान करने में सहायता करती है।
आमतौर पर, IVF से गर्भवती होने की संभावना लगभग 20-35 प्रति चरण की होती है, जो आगे चलकर 45-55 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।